वो एक कहानी थी
वो बहुत रूहानी थी
उसका हर अहसास सुहाना था
उसके हर पल के साथ का मैं दीवाना था
हम सिर्फ मोहब्बत ही नहीं करते थे
उससे जुड़े मेरे ज़िन्दगी के सारे जज्बात थे
शायद उन्हें हमारी चाहत ही न पसंद थी
इसीलिए उन्होंने हमसे कभी दिल की बात भी तो न की थी
निगाह उनकीें हमें देख कुछ और ही बया किया करती थीं
शायद मेरी बेइंतहा मोहब्बत में उन्हें कोई कमी दिखा करती थी
उनकी एक झलक को दिल करता हैं फिर याद आती हैं उनकी वो बेरुखी की यादे और दिल उन्हें फिर चाहने के ख्याल से भी डरता है
उसके साथ बिताया हर पल को ऐसे याद रखता था
जैसे हर बार मिलने पर मैं उसके हाथों को चूमता था
चाहत न थी मुझे कुछ पाने की
क्या जरूरत है उन्हें अब ये बताने की
उन्हें उस खेल में भी जीतना था जो सिर्फ हार के जीता जा सकता था
#शानदार
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Thank
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Lovely write up !!
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Thanks
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बहुत सुंदर लिखा है अपने।
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Bahut dhanyawad
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